सुकून

हम सब
ख़ुदके सुकून की तलाश में
टटोलते रहते हैं
दूसरों के मन
और दूसरे भी
यही करते हैं
लेकिन
अपने मन के अंदर झाँककर
कोई नहीं देखता
जहाँ पहले से
बहुत सुकून पड़ा हुआ
एक कोने पर
बेहतर तो ये हो
कि तुम अपना ढूँढ लो
हम अपना ढूँढ लें
और फिर साथ बैठकर
बाँट लें एक दूसरे के साथ
सुकून के दो पल

 

ये पोस्ट औरों को भेजिए -

Leave a Comment