hindi poem
अंतिम इच्छा
कभी खो भी जाऊँ तोमिल जाऊँगा थोड़ा-थोड़ा करकेकिसी की यादों मेंकिसी पुराने अखबार की कतरन … Read more
मेरी ख़ामोशी
जिसके पास कहने को बहुत होता है,वो अक्सर किसी कोने में चुप सा,छुपा सा बैठा होता … Read more
कीमती वक़्त – 2
सुनोकुछ वक़्तमेरे लिए भी ख़रीद लोबाद में थोड़ा-थोड़ा करकेचुका दूँगावक़्त भीऔर कीमत भी
गर्भ
सब उम्मीद से हैंजैसे तुमवैसे मैं भीऔर ये उम्मीदप्रसव पीड़ा तकयानिमृत्यु पर्यन्त रहेगी।
बातचीत – In a conversation with friends – 3
वो आख़िरी ही ख़त था उसकाजिसमें पहली मुलाक़ात का ज़िक्र थाज़िक्र क्या था…ब्यौरा सा ही … Read more