Good Sunday

उनके नाज़ुक से मसीह दिल पर,
चुभ गए मेरे कुछ लफ्ज़ काँटों जैसे,
वो लम्हा-लम्हा तड़प रहे हैं,
मैं क़तरा-क़तरा गुज़र रहा हूँ…

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