ज़िक्र November 26, 2011 by Chakreshhar Singh Surya ज़िक्र तेरा जब किसी दर पे सर-ए-सुबह उठा है,निकलते-निकलते वहाँ से शाम हुई है.. ये पोस्ट औरों को भेजिए - Facebook Twitter WhatsApp Telegram SMS
आह!!
वाह वाह …….