Hindi Poetry performance at Rangrez Toli September 4, 2017 by Chakreshhar Singh Surya 1. दिन में आशिक़ी रात को काम करता हूँपागल हूँ बे सिर पैर के काम करता हूँ 2. तुमसे कहजाने को क्या-क्या राग लगा के बैठा हूँ दिल की आवारा गलियों में रात बिछा के बैठा हूँ ये पोस्ट औरों को भेजिए - Share on Facebook Share on X (Twitter) Share on WhatsApp Share on Telegram Share on SMS
अदभुत है भाई जी
आभार सर ????