Hindi Poetry performance at Rangrez Toli

1.
दिन में आशिक़ी रात को काम करता हूँ
पागल हूँ बे सिर पैर के काम करता हूँ 
2.
तुमसे कहजाने को क्या-क्या राग लगा के बैठा हूँ 
दिल की आवारा गलियों में रात बिछा के बैठा हूँ

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