बरसों पुराना रिश्ता

उन दोनों के बीच
प्यार का रिश्ता,
आज भी इतना ताज़ा है
कि,
इक-दूजे का हाथ
ग़लती से भी
इक-दूजे को छू जाए तो
ग़लती का अहसास हो जाता है
कि,
इक-दूजे का हाथ
पकड़ने से पहले
अब भी
इक-दूजे से
पूछ लिया जाता है,
उन दोनों के बीच
बरसों पुराना ये रिश्ता
अब भी इतना ताज़ा है
जिसके सामने ओस की बातें भी फीकी
और कली-कोपलों की मिसालें भी छोटी हैं,
उन दोनों में “वो” कहती है कि
“एक अच्छे रिश्ते की यही पहचान है”

उन दोनों के बीच
प्यार का रिश्ता,
आज भी इतना ताज़ा है…

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1 thought on “बरसों पुराना रिश्ता”

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