मेरी ख़ामोशी
जिसके पास कहने को बहुत होता है,वो अक्सर किसी कोने में चुप सा,छुपा सा बैठा होता … Read more
नज़्मों का घर
जिसके पास कहने को बहुत होता है,वो अक्सर किसी कोने में चुप सा,छुपा सा बैठा होता … Read more
रात भर सुलगता रहा जलता भी रहा न चिंगारी थी न आग न धुआँ वहां … Read more
मैंने तुमसे कह तो दिया कि तुम पर मैंने कुछ लिखा है… और तुम भी खामाख्वाह … Read more
धूप में कुछ चीज़ें तपते-तपते सख्त हो जाती हैं कुछ नर्म तो कुछ फीकी पड़ … Read more
उन दोनों के बीच प्यार का रिश्ता,आज भी इतना ताज़ा हैकि,इक-दूजे का हाथग़लती से भीइक-दूजे … Read more
ज़िंदगी जब तुम्हारे मज़े लेने लगे,तो शिक़ायत मत किया करो,अमां यार, जब तुमने उसके लिये … Read more
बेबसी और मजबूरियों की तस्वीरें छापकर, उसने अपना बँगला तान लिया लोगों के घर उजाड़कर…