जो दिल में है गर वो ज़ुबाँ तक आ जाएगा
सुनने वालों का कलेजा मुँह तक आ जाएगा
यूँ ही जो दम भरते हैं अपनी दरियादिली का
वो दरिया छलक कर गलियों तक आ जाएगा
जिनकी सियासी चालों से रियासत में है हलचल
पत्थर उछलकर उनकी खिड़की तक आ जाएगा
जिसने लगाई है जंगल में ख़बर आग की तरह
वो धुआँ उड़कर उसके शहर तक आ जाएगा
सुना है कि कलयुग में भी आएगा कोई अवतार
लगता नहीं कि क़यामत से पहले तक आ जाएगा