तुमसे उम्मीद अक्टूबर 17, 2011 by Chakreshhar Singh Surya नफ़रत है मुझे झूठ से,बेहतर है कि,तू मेरे ख़्वाब में ही रह,तू सच भी वहीं है,और सच्चा भी..!! ये पोस्ट औरों को भेजिए - Share on Facebook Share on X (Twitter) Share on WhatsApp Share on Telegram Share on SMS