ख्वाहिश

इससे पहले कि मेरे ज़हन में आने वाला तेरा कोई ख़याल,
नज़्म, शे’र, रूबाई या गज़ल की शक्ल अख्तियार करे,
बेहतर है कि नींद मुझे अपनी बाहों में समेट ले!

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