पिछले एक महीने में बदलें हैं तो धूप के तेवर.
सड़क पर गाड़ियों और गड्ढों की तादाद,
मल्टीप्लेक्स में मूवीज़,
इलेक्ट्रिसिटी के रेट्स और पेट्रोल के दाम,
कुछ दफ्तरों की शक्लें और मुलाज़िम भी,
नहीं बदलें हैं तो बस आप, तुम और तू…
नज़्मों का घर