अधूरी नींद है, अल-सुबह किसी ख़्वाब ने जगा दिया,
जो खुद भी अधूरा ही रह गया,
वैसे हर ख़्वाब अगर पूरा होने लगे,
तो हक़ीक़त और उनमें, क्या फर्क रहेगा???
जो खुद भी अधूरा ही रह गया,
वैसे हर ख़्वाब अगर पूरा होने लगे,
तो हक़ीक़त और उनमें, क्या फर्क रहेगा???