Hindi Poetry performance at Rangrez Toli
1. दिन में आशिक़ी रात को काम करता हूँपागल हूँ बे सिर पैर के काम … Read more
नज़्मों का घर
1. दिन में आशिक़ी रात को काम करता हूँपागल हूँ बे सिर पैर के काम … Read more
तुमसे बात करने के बादएक रख दिया था खिड़की के पासकुछ को बुकशेल्फ़दो-चार को फ़्रिज … Read more
प्यार बिना बुलाया कैंसर नहीं है। पहली बात ये कैंसर नहीं है। कैंसर फिर भी … Read more
हिन्दू की बस्ती में मुसलमान डरा हुआ हैमज़हब की बस्ती में ईमान डरा हुआ हैशक़, … Read more
आप अराजकता की बात करते हैं,मैं सुधार की कोशिश करता हूँ,आप शायद डरते हैं सरकार … Read more
जब तक मैं इस धरती पर हूँतुम चाहो या न चाहोमाँगो या न माँगोमैं फिर … Read more
कभी खो भी जाऊँ तोमिल जाऊँगा थोड़ा-थोड़ा करकेकिसी की यादों मेंकिसी पुराने अखबार की कतरन … Read more