हौसला
मुझे मेरी हद में रहने दो,अगर मैंने अपनी हद छोड़ी,तो तुम्हें बेहद अफ़सोस होगा…
नज़्मों का घर
मुझे मेरी हद में रहने दो,अगर मैंने अपनी हद छोड़ी,तो तुम्हें बेहद अफ़सोस होगा…
उनके नाज़ुक से मसीह दिल पर,चुभ गए मेरे कुछ लफ्ज़ काँटों जैसे,वो लम्हा-लम्हा तड़प रहे … Read more
काफी चौड़ी हो गयी हैं कॉफी हाउस की टेबल, कोई जितना नज़दीक आना चाहे उतना … Read more
खुदा को मेरी बहुत फ़िक्र है, खुश करने के बाद,कर देता है गमज़दा मुझे!