तुम्हारी छठी बरसी
ये तुम्हारा प्यार नहीं तो और क्या है, कि जिस दिन तुम गए, उस दिन … Read more
नज़्मों का घर
ये तुम्हारा प्यार नहीं तो और क्या है, कि जिस दिन तुम गए, उस दिन … Read more
मैं चार दिन उसके घर में ही ठहरा था, इस दौरान उससे बात कुछ भी … Read more
तुम्हें जब देखता हूँ,तो लगता है ये शहर,नगर और महानगर के बीच,कहीं अटक गया है! … Read more
मुझे किसी और अजूबे की ज़रूरत नहीं, आज-कल मैंने खुद ही अपनी नींद उड़ा रक्खी है …
मैं बेशक,लोगों की बातें,अनसुनी कर देता हूँ,मगर मुझे,याद रह जाता है,किकब,किसने,क्या,किस अंदाज़ में कहा था!
बिखरे हुए बाल, बढ़ी हुई दाढ़ी, माथे को जकड़े सच्चे-झूठे ख्याल, हर जगह खुद को … Read more