लगभग तीन दिन हुए थे, सबकुछ ठीक चल रहा था। सबकुछ से मेरा तात्पर्य है कि उसका मुझे देखना, मेरा उसे देखना और दोनों का एक-दूसरे को देखकर मुस्कुराना। एक सामान्य व्यक्ति के लिये सबकुछ की परिभाषा लगभग यही होती है। इसके बाद थोड़ी बातचीत भी शुरू हो गयी। फिर तीसरा दिन ख़त्म होते-होते उसने संकोच करते हुए व्हाट्स एप पर पूछ लिया कि आपकी उम्र कितनी है? मैंने प्रॉपर डेट ऑफ़ बर्थ के साथ उसे जवाब भेज दिया। तब से वो ऑफलाइन है।
दिनांक 13/06/2017 को…
आप की रचना का लिंक होगा…
पांच लिंकों का आनंद पर…
आप भी इस चर्चा में सादर आमंत्रित हैं…
आप की प्रतीक्षा रहेगी…
धन्यवाद कुलदीप जी। आभार