उसकी बड़ी-बड़ी आँखों पर काजल की हदों ने
न जाने कितने दिलों को बाँट दिया होगा
कोई हिस्सा कह रहा होगा आफरीन-आफरीन
और कोई चश्म-ए-बद्दूर की दुआ पढ़ रहा होगा।
नज़्मों का घर
उसकी बड़ी-बड़ी आँखों पर काजल की हदों ने
न जाने कितने दिलों को बाँट दिया होगा
कोई हिस्सा कह रहा होगा आफरीन-आफरीन
और कोई चश्म-ए-बद्दूर की दुआ पढ़ रहा होगा।