बारिश और तुम

बारिश दबे पाँव आती है, और अपनी मौजूदगी के निशां, खिड़की पर छोड़ जाती है, … Read more

अहसां

अपने बाकी अहसानों से तुझे आज़ाद कर दिया,इस शहर पर एक और अहसां कर दिया..

भरोसा

चार दिन और मुझसे नफ़रत कर लो, फिर तुम खुद चाहने के बहाने तलाशोगे…

बात

चुप हूँ क्यों ये सवाल हुआ है, जो बोल पड़ा तो बड़ा बवाल हुआ है…

डर

पूरे दिन बीते मंज़र की कतरन,जेब से निकालकर रख देता हूँ,घर की मेज़ पर,दूसरे दिन … Read more

Comment

मुस्कुराएंगे, शर्मायेंगे, घबराएंगे, धडकनों का इम्तिहां होगा… उनसे जब सामना होगा, पता नहीं क्या-क्या होगा? (मेरा एक … Read more

पता

जिनके पते पर हम मिला करते थे कभी,अब वो खुदसे लापता हो गए हैं, और कुछ … Read more

कोशिश

नफ़रत करने के कई बहाने तुम्हें दे दिए,अब तो मुझे अपनी गिरफ्त से आज़ाद कर,तुझे … Read more