वॉइस मेसेज
अपने ख़त की तरहकभी अपनी आवाज़ भीलिफ़ाफ़े में रखके भेजो!मुझे लगता हैकि लिखावट की तरहतुम्हारी … Read more
नज़्मों का घर
मैं चार दिन उसके घर में ही ठहरा था, इस दौरान उससे बात कुछ भी … Read more
तुम्हें जब देखता हूँ,तो लगता है ये शहर,नगर और महानगर के बीच,कहीं अटक गया है! … Read more
मुझे किसी और अजूबे की ज़रूरत नहीं, आज-कल मैंने खुद ही अपनी नींद उड़ा रक्खी है …