सर्वाइकल स्पोंडलाइटिस पेन
गर्दन पे कुछ पुराने मर्ज़ के अहसास लौट आये हैं,शायद उन्हें तलाश तेरी नर्म गोद … Read more
नज़्मों का घर
गर्दन पे कुछ पुराने मर्ज़ के अहसास लौट आये हैं,शायद उन्हें तलाश तेरी नर्म गोद … Read more
सियासतदारों ने लोगों के गुस्से को हथियार बना रक्खा है, पैंसठ साल होने को हैं … Read more
आज तुम्हारे पास है तो तुम इतरा लो,कल मेरे पास होगा तो मैं इतरा लूंगा,पर … Read more
आसमान के आँगन में,बादल बैठक तो जमाते हैं,उनके कहकहों में,कुछ बूँदें छिटककर,नीचे भी आती हैं,और ज़मीदोज़ … Read more
कुछ सालों पहले तक,आज का दिन,इतना खाली नहीं होता था,आज की तारीख लगते ही,घर का फ़ोन घनघना … Read more