मन

पौधे जैसा ही है ये कि कहीं लगा भी दो, तो तब तक नहीं लगता, जब … Read more

हैप्पी न्यू इयर २०१३

मन तो करता है कि,अपने अल्फ़ाज़ों को,शहद में भिगोकर,उस पर मिश्री के दाने छिड़ककर,कागज़ पर … Read more

:)

मुझे देखकर बड़े-बड़े,अपना तख्तो-ताज संभालने लगते हैं,ये तमाम लोग,इस फ़कीर की नीयत पर,बेवजह शक़ करते … Read more

यादों का डोज़

मैं चार दिन उसके घर में ही ठहरा था, इस दौरान उससे बात कुछ भी … Read more

मील का पत्थर

तुम्हें जब देखता हूँ,तो लगता है ये शहर,नगर और महानगर के बीच,कहीं अटक गया है! … Read more

आपबीती

महीनों पहले,मेरा आसमानी रंग का चश्मा,खेल-खेल में टूट गया था,तब से वो टूटा पड़ा हुआ है,मेज़ … Read more

मसरूफ़ियत

इस एक दुनिया में,सैंकड़ों दुनिया हैं,सबकी अपनी-अपनी,और सब मगन हैं,अपनी-अपनी दुनिया में,जैसे तू, वैसे मैं … Read more