धूप

दिन की धूप कभी इतनी उबाऊ नहीं थी,जितनी आज लग रही है,धूप भी चुपचाप मेरे … Read more

लौटा दो सब कुछ !

लगभग सबकुछ लौटा चुके हो तुम,पर थोड़ा-थोड़ा कुछ बाकी है,वो थोड़ा बहुत कुछ है मेरे … Read more

चाँद और तुम

आज शाम टीवी पर देखा कि पूरनमासी का चाँद,पिछली कई पूरनमासी की रातों के मुकाबले,काफी … Read more

13 जनवरी

उस रात जैसे हैवान बैठे थे आँखों में,जिनके बोझ से ज़मीर की पलकें बंद हो गयीं … Read more

ईमेल

सुबह -सुबह एक ईमेल की दस्तक पर, जब इनबॉक्स खोला,तो देखा, बहुत सारे स्पाम भी … Read more

मिज़ाज

पिछले दो दिनों से, जब से मैं शहर लौट कर आया हूँ, बहुत कुछ बदल … Read more

इस्तीफा

Dear Sir,पिछले कई महीनों में मैंने आपको अपनी व्यवसायिक समस्याएं व्यक्तिगत तौर पर बताने के … Read more