calling myself…. मार्च 11, 2010 पूरा दिन निकल जाता है,दूसरों से मिलने में,पर कभी खुद से मिलने का,वक़्त नहीं मिलता,और … Read more
कोशिश मार्च 9, 2010 नफ़रत करने के कई बहाने तुम्हें दे दिए,अब तो मुझे अपनी गिरफ्त से आज़ाद कर,तुझे … Read more
फ़ितरत मार्च 9, 2010 जिनपे गुजरी है उनसे पूछे कोई हकीक़त क्या है?वो मुस्कुरा के कहेंगे, जाने दो..अब उनसे … Read more
मेहनत मार्च 9, 2010 कभी सोचा हैकिसी रिश्ते को गढ़ने में,जितना वक़्त लगता है,उससे कहीं कम,उसे उधेड़ने में,लेकिन जो … Read more
ख्वाहिश मार्च 8, 2010 आज सोचा उसे बेवफ़ा का तख़ल्लुस दिया जाये,चलके किसी तवायफ़ से दिल लगाया जाये,पर्दा-ए-हुस्न का … Read more
मुक़म्मल मार्च 8, 2010 तुम ख़ुद एक ग़ज़ल हो,तुम्हें किसी मिसरे की ज़रूरत नहीं,तुम अपने आप में मुक़म्मल हो,तुम्हें … Read more
लहजा मार्च 8, 2010 कल रात माँ से ऊँची आवाज़ में बोल पड़ा,और वो धीमे लहजे में बात करती रहीं,जब … Read more