poem
पता नहीं क्या है?
चेहरा क्या है?धोखा है,और इस धोखे पे,पूरी दुनिया फ़िदा है. सबने ओढ़ रखे हैं,चेहरों पर … Read more
परी है या तवायफ़
कुछ देर के भूल जाओ खुदको,आखिरी शब्द तक बस “मैं” हो जाओ, कल दोपहर हुस्न … Read more
लौटा दो सब कुछ !
लगभग सबकुछ लौटा चुके हो तुम,पर थोड़ा-थोड़ा कुछ बाकी है,वो थोड़ा बहुत कुछ है मेरे … Read more