poem
गुमनाम रिश्ता
जिंदगी में बहुत रिश्ते देखे हैं,बेटे का माँ-बाप से,भाई का भाई-बहिन से,दोस्ती का दोस्तों से,प्रेमी … Read more
रेस्त्रौं का बिल
तुम्हें पता है कि मैं रेस्त्रौं की पर्चियां क्यों संभाल कर रखता हूँ,ताकि मुझे वो … Read more
calling myself….
पूरा दिन निकल जाता है,दूसरों से मिलने में,पर कभी खुद से मिलने का,वक़्त नहीं मिलता,और … Read more