मेहनत

कभी सोचा हैकिसी रिश्ते को गढ़ने में,जितना वक़्त लगता है,उससे कहीं कम,उसे उधेड़ने में,लेकिन जो … Read more

ख्वाहिश

आज सोचा उसे बेवफ़ा का तख़ल्लुस दिया जाये,चलके किसी तवायफ़ से दिल लगाया जाये,पर्दा-ए-हुस्न का … Read more

लहजा

कल रात माँ से ऊँची आवाज़ में बोल पड़ा,और वो धीमे लहजे में बात करती रहीं,जब … Read more

अलगाव

गमले से बाहर पड़ा हुआ पौधा,बड़ी उम्मीद से टकटकी लगाये,देख रहा है उस गमले को,जिसमें … Read more

चाँद की शरारत

चाय पीने के लिये दफ्तर से बाहर निकला तो देखा,कि आज चाँद पूरा है फ़लक … Read more

अकेलापन

दिन भर के बाद जब शाम को घर जाता हूँ,तो सबसे पहले घर के ताले … Read more

तवायफ़

उसके यहाँ वो सब जाते हैंजिन्हें जाने का मौका मिलता है,जो दिन के उजाले में जाने … Read more

कॉफ़ी टेबल

वो कॉफ़ी हाउस की टेबल याद है तुम्हें?बारह नंबर वाली,जहाँ अक्सर हम बैठा करते थे,कॉफ़ी … Read more