hindi poem
बारिश की ख्वाहिश
आसमान के आँगन में,बादल बैठक तो जमाते हैं,उनके कहकहों में,कुछ बूँदें छिटककर,नीचे भी आती हैं,और ज़मीदोज़ … Read more
ज़िंदादिली
नाज़ है मुझे अपनी ज़िंदादिली पर, कि किसी बात को कहने के लिये, मुझे उसपे, … Read more
चाय और तुम
चाय की प्याली की तपती सतह,उससे उठती गर्म सी भाप,होठों से लगते ही,जुबां को मीठा … Read more