कैफ़ीन

कॉफ़ी से याद आता है,जेब को हाथों से टटोलना,और पूछना,कि कॉफ़ी फायनेंस कौन करेगा?कॉफ़ी से … Read more

बारिश की ख्वाहिश

आसमान के आँगन में,बादल बैठक तो जमाते हैं,उनके कहकहों में,कुछ बूँदें छिटककर,नीचे भी आती हैं,और ज़मीदोज़ … Read more

ज़िंदादिली

नाज़ है मुझे अपनी ज़िंदादिली पर, कि किसी बात को कहने के लिये, मुझे उसपे, … Read more

चाय और तुम

चाय की प्याली की तपती सतह,उससे उठती गर्म सी भाप,होठों से लगते ही,जुबां को मीठा … Read more

टिफ़िन

रात के, लगभग सवा एक बजे,नींद टूटी,औरटेबल पर रखे,टिफ़िन पर,जा गिर पड़ी,दफ्तर से लौटकर,मैंने खुदको,रख … Read more

श्रुति

रोशनदान से,छनकर आता हुआ,धूप का एक कतरा,फर्श पर पड़े-पड़े,तुम्हारे नाम के शुरूआती लफ़्ज़ की,शक्ल लेता … Read more

आवाज़

तुम कभी रेडियो पे बोलती हो,तो कभी फोन पे बोलती हो,कभी मिलो कहीं, सामने बैठे … Read more

सफ़र

मैं रात भर उसे तकता रहा,वो पूरी रात बेफ़िक्री से सोती रही,इस तरह एक खूबसूरत … Read more