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न कोई नज़्म है न कोई इश्तिहार ही ये दीवार भी मेरे दिल की तरह … Read more
नज़्मों का घर
न कोई नज़्म है न कोई इश्तिहार ही ये दीवार भी मेरे दिल की तरह … Read more
रात भर सुलगता रहा जलता भी रहा न चिंगारी थी न आग न धुआँ वहां … Read more
क्लास वर्क भी बहुत रहता है,और होमवर्क भी कुछ ज़्यादा ही मिलता है,ज़िन्दगी के इक … Read more
पिछले एक महीने में बदलें हैं तो धूप के तेवर. सड़क पर गाड़ियों और गड्ढों … Read more
मन तो करता है कि,अपने अल्फ़ाज़ों को,शहद में भिगोकर,उस पर मिश्री के दाने छिड़ककर,कागज़ पर … Read more
दुनिया में आये हो तो प्रेम होना स्वाभाविक है,और आज के समय में किसी लड़की से प्रेम … Read more