बातचीत – In a conversation with friends – 2
हर इक बात का ग़र सिर्फ़ एक मतलब होता,तो लोग अपना-अपना मतलब कैसे निकालते ??
नज़्मों का घर
हर इक बात का ग़र सिर्फ़ एक मतलब होता,तो लोग अपना-अपना मतलब कैसे निकालते ??
इतनी रात गए सिर्फ़ अँधेरा ही हाथ लगता हैरूहों से मिलना हो तोसुबह की अज़ान के … Read more