दूर से देखा है तुमको
दूर से देखा है तुमको पास तुम्हारे आऊं क्या? और अगर ठीक लगे तुम्हें तो … Read more
नज़्मों का घर
दूर से देखा है तुमको पास तुम्हारे आऊं क्या? और अगर ठीक लगे तुम्हें तो … Read more
रम को हम से अच्छा कोई नहीं जानता, हमको हमसे अच्छा कोई नहीं जानता।
याद का क्या है, आते-आते जायेगी ये तुम्हारी आदत, जाते-जाते जायेगी
मिट्टी के बर्तन में दरार तो साफ़ दिखती है लेकिन वो आयी किस तरफ़ से … Read more
मोहब्बत में जब कोई बदल जाता है उसका सच भी झूठ में बदल जाता है … Read more