दूर से देखा है तुमको
दूर से देखा है तुमको पास तुम्हारे आऊं क्या? और अगर ठीक लगे तुम्हें तो … Read more
नज़्मों का घर
दूर से देखा है तुमको पास तुम्हारे आऊं क्या? और अगर ठीक लगे तुम्हें तो … Read more
इश्क़ निभाना पहले भी मुश्किल था आज भी मुश्किल ही है पहले न मिल पाने … Read more
धूप के भी क्या तेवर हैंकभी बहुत तीखेकभी नरमतो कभी कुनकुनेकभी-कभी तो लगता हैकि ये … Read more
Dear Madam, मैं आज भी आपकी तस्वीर देखकर हँस देता हूँये सोचकर कि उस वक़्तजब … Read more
न कोई नज़्म है न कोई इश्तिहार ही ये दीवार भी मेरे दिल की तरह … Read more