इश्क़ तब और अब

इश्क़ निभाना पहले भी मुश्किल था आज भी मुश्किल ही है पहले न मिल पाने … Read more

शीर्षक अंत में है

धूप के भी क्या तेवर हैंकभी बहुत तीखेकभी नरमतो कभी कुनकुनेकभी-कभी तो लगता हैकि ये … Read more

Dear Madam

Dear Madam, मैं आज भी आपकी तस्वीर देखकर हँस देता हूँये सोचकर कि उस वक़्तजब … Read more

फेसबुक वॉल

न कोई नज़्म है न कोई इश्तिहार ही ये दीवार भी मेरे दिल की तरह … Read more

मायने

कभी देखा है, पन्नो पर बिलबिलाते, उन लफ़्ज़ों को, जो किसी मतलब का होने के … Read more

श्रुति

रोशनदान से,छनकर आता हुआ,धूप का एक कतरा,फर्श पर पड़े-पड़े,तुम्हारे नाम के शुरूआती लफ़्ज़ की,शक्ल लेता … Read more

सफ़र

मैं रात भर उसे तकता रहा,वो पूरी रात बेफ़िक्री से सोती रही,इस तरह एक खूबसूरत … Read more