पिता

पिता यूनिवर्स की तरह हैउसके भीतर की गहराई नापनामुमकिन ही नहीं हैयूनिवर्स की तरह हीवो … Read more

शीर्षक अंत में है

धूप के भी क्या तेवर हैंकभी बहुत तीखेकभी नरमतो कभी कुनकुनेकभी-कभी तो लगता हैकि ये … Read more