एक्स्ट्रा लगेज
तुम अपना वजूद छोड़ गएबिस्तर की सिलवटों के बीचऔर मेरे होंठों के किनारों पररातों पे … Read more
नज़्मों का घर
तुम अपना वजूद छोड़ गएबिस्तर की सिलवटों के बीचऔर मेरे होंठों के किनारों पररातों पे … Read more
हुस्न वालों से यूँ ही नहीं टूटता कोई दिलधोख़ा देने में कुछ तो मज़ा आता … Read more
दिन में सूरज रात में चाँद से बात करती है ज़मीं,कौन माशूक़* उसका और कौन … Read more
मोहब्बत में अक्सर ऐसा होता हैजीतने वाला दरअसल हार रहा होता है
ये कुछ रातें उन तमाम रातों पर उधार रहीं जो तुम्हारे बिना काटनी हैं