अहसां
अपने बाकी अहसानों से तुझे आज़ाद कर दिया,इस शहर पर एक और अहसां कर दिया..
नज़्मों का घर
अपने बाकी अहसानों से तुझे आज़ाद कर दिया,इस शहर पर एक और अहसां कर दिया..
भारतीय गणतंत्र का इकसठवा जन्मदिन मन गया, देशवासियों ने राष्ट्र गान को फिर से याद … Read more
चार दिन और मुझसे नफ़रत कर लो, फिर तुम खुद चाहने के बहाने तलाशोगे…
आज मेरा शहर चलते-चलते, थोड़ा लड़खड़ा गया, नटखट ठण्ड ने, टंगड़ी जो अड़ा दी थी…
चुप हूँ क्यों ये सवाल हुआ है, जो बोल पड़ा तो बड़ा बवाल हुआ है…