साज़िश

ये रात और तुमदोनों मुझे पागल करते होमिले हुए हो न दोनों?

ज़िन्दगी

हमें हमसे ही रोज़ लड़ना पड़ता है कुछ मुद्दों परजीना सिर्फ़ साँसों का आना-जाना नहीं … Read more

क्या हुआ?

तकलीफ़ ये है कि कुछ कह नहीं सकतेकुछ कहें ये तकलीफ़ भी होती नहीं हमसेघाव … Read more

बिखरे ख़याल

तुमसे बात करने के बादएक रख दिया था खिड़की के पासकुछ को बुकशेल्फ़दो-चार को फ़्रिज … Read more

असहिष्णुता

हिन्दू की बस्ती में मुसलमान डरा हुआ हैमज़हब की बस्ती में ईमान डरा हुआ हैशक़, … Read more

पिता

पिता यूनिवर्स की तरह हैउसके भीतर की गहराई नापनामुमकिन ही नहीं हैयूनिवर्स की तरह हीवो … Read more