फेसबुक वॉल

न कोई नज़्म है न कोई इश्तिहार ही ये दीवार भी मेरे दिल की तरह … Read more

यादों का डोज़

सब्ज़ीवाले से पाँच रुपये की मसाला मांगो तो वो धनिया, मिर्ची, कढ़ी पत्ता और अदरक … Read more

टूटती हुई चीज़ें

इस दुनिया से भी बड़े-बड़े वादों को टूटते देखा है मैंनेवो जब टूटते हैं तो … Read more

अधूरा वादा

धूप में कुछ चीज़ें तपते-तपते सख्त हो जाती हैं कुछ नर्म तो कुछ फीकी पड़ … Read more