Perplexity

वो आये भी और चले भी गयेराहत की इक साँस की तरहऔर मैं इस सोच … Read more

जबलपुर

एक पुराना मकानइक्का-दुक्का दोस्तसुनसान पड़ोसथोड़ा रसूख़और बहुत सारायहाँ-वहाँ बिखरा हुआ ग़मअपने शहर के नाम परबस … Read more

बेटियाँ

अँधेरे कमरे में भीधूप को पनपने के लिएबस इक सुराख़ की ज़रूरत हैजहाँ से छनकरवो … Read more