Perplexity
वो आये भी और चले भी गयेराहत की इक साँस की तरहऔर मैं इस सोच … Read more
नज़्मों का घर
वो आये भी और चले भी गयेराहत की इक साँस की तरहऔर मैं इस सोच … Read more
23 अगस्त 2015 को FTII का Film Direction and Screenplay writing (3 year) के लिए … Read more
आज 15 अगस्त को मैं अपने ही गाँव के स्कूल में था, मैंने वहाँ बच्चों … Read more
एक बात जो कल अपने मित्र के साथ चर्चा करने पर सामने आयी वो ये … Read more
वो आख़िरी ही ख़त था उसकाजिसमें पहली मुलाक़ात का ज़िक्र थाज़िक्र क्या था…ब्यौरा सा ही … Read more
हर इक बात का ग़र सिर्फ़ एक मतलब होता,तो लोग अपना-अपना मतलब कैसे निकालते ??