रम से हम तक
रम को हम से अच्छा कोई नहीं जानता, हमको हमसे अच्छा कोई नहीं जानता।
नज़्मों का घर
रम को हम से अच्छा कोई नहीं जानता, हमको हमसे अच्छा कोई नहीं जानता।
मुझसे नाराज़ रहती है और बात भी करना चाहती है कैसी पागल लड़की है इश्क़ … Read more
ख़तरनाक लत समझते हैं? सुबह उठते ही बासे मुँह सबसे पहले उसे मुँह लगाना, फिर … Read more
याद का क्या है, आते-आते जायेगी ये तुम्हारी आदत, जाते-जाते जायेगी
मिट्टी के बर्तन में दरार तो साफ़ दिखती है लेकिन वो आयी किस तरफ़ से … Read more
मोहब्बत में जब कोई बदल जाता है उसका सच भी झूठ में बदल जाता है … Read more