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नज़्मालय

नज़्मों का घर

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पिछले दिनों इनमें व्यस्त था….

मई 25, 2010

मेरा पहला रीमिक्स, रावण फिल्म से…. और कुछ ये भी…. इसे पैरौडी कह सकते हैं…. … Read more

Chakresh Surya

चक्रेशहार सिंह सूर्या

बिखरे हुए बाल, बढ़ी हुई दाढ़ी,
माथे को जकड़े सच्चे-झूठे ख्याल,
ख़ुद को तलाश करती आँखें,
मुश्किलों में भी तनी हुई मूंछें,
बात-बेबात फूट पड़ती ख़ामोश सी हँसी,
और होंठों के पीछे अनकहे-अधूरे किस्से...
फ़िलहाल के लिए तो यही मैं हूँ।

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चवन्नी-अठन्नी-सोलह आना, टाइम मिले तो फिर आना