क्या हुआ?

तकलीफ़ ये है कि कुछ कह नहीं सकतेकुछ कहें ये तकलीफ़ भी होती नहीं हमसेघाव … Read more

राय

कुछ लोग अपनी फ़ितरत बदलते हैं हर दिनयूँ किसी के बारे में इक राय बनाना … Read more

मुलाक़ात

इक वो मुलाक़ात बड़े वक़्त से ठहरी हुई हैइक ये वक़्त है जो कमबख्त़ ठहरता … Read more

नाम-बदनाम

एक मैं ही नासमझ निकला दयार-ए-यार में,कम से कम बाज़ार में इसकी तो दाद मिले।

इंतज़ार

बड़ी देर से बैठा है सूरज तेरी बालकनी में टकटकी लगाए,कि कब तू नींद से … Read more

बहरूपिया

तेरी इक झलक पाने को छत से खिड़की तक आता है,ये सूरज है जो कभी-कभी … Read more

बदलाव

सूरत बदलने से तरबीयत नहीं बदलती,तस्वीरें बदलने से सीरत नहीं बदलती,कोई लाख कोशिश करके भले ही  बदल … Read more