sher
नाम-बदनाम
एक मैं ही नासमझ निकला दयार-ए-यार में,कम से कम बाज़ार में इसकी तो दाद मिले।
खैर-ख़बर पूछने वाले लोग
ख़ुदा ने आपके जैसे भी लोग बनाये हैं,थोड़े बनायें हैं पर क्या ख़ूब बनायें हैं.
नज़्मों का घर
एक मैं ही नासमझ निकला दयार-ए-यार में,कम से कम बाज़ार में इसकी तो दाद मिले।
ख़ुदा ने आपके जैसे भी लोग बनाये हैं,थोड़े बनायें हैं पर क्या ख़ूब बनायें हैं.