साहिबा

तमाम उम्र की दोस्ती लेके वादे मेंतन्हाईयों से राबता मेरा करा गयाजो शख्स़ दिखता था … Read more

नाम-बदनाम

एक मैं ही नासमझ निकला दयार-ए-यार में,कम से कम बाज़ार में इसकी तो दाद मिले।