Skip to content

नज़्मालय

नज़्मों का घर

  • नज़्में
  • सुनिए
  • देखिये
  • मेरे बारे में
  • नज़्मालय के बारे में
  • वर्ड फ्लू

how to live life peacefully

प्यार बिन बुलाये कैंसर की तरह है!

अगस्त 12, 2017

प्यार बिना बुलाया कैंसर नहीं है। पहली बात ये कैंसर नहीं है। कैंसर फिर भी … Read more

Chakresh Surya

चक्रेशहार सिंह सूर्या

बिखरे हुए बाल, बढ़ी हुई दाढ़ी,
माथे को जकड़े सच्चे-झूठे ख्याल,
ख़ुद को तलाश करती आँखें,
मुश्किलों में भी तनी हुई मूंछें,
बात-बेबात फूट पड़ती ख़ामोश सी हँसी,
और होंठों के पीछे अनकहे-अधूरे किस्से...
फ़िलहाल के लिए तो यही मैं हूँ।

हाल के पोस्ट

  • गाँव की सड़क
  • रिफ़रेंस केसेज़
  • क्या सुनने आये थे? कि हमेशा देर कर देते हो?
  • KAYAKING
  • दूर से देखा है तुमको

हाल ही की टिप्पणियाँ

  • jayanti Daheriya पर KAYAKING
  • Vijay kumar पर
  • Chakreshhar Singh Surya पर बातचीत – In a conversation with friends – 3
  • सोमिल पर बातचीत – In a conversation with friends – 3
  • Chakreshhar Singh Surya पर रिवाज़
चवन्नी-अठन्नी-सोलह आना, टाइम मिले तो फिर आना