आख़िरी दफ़ा
याद का क्या है, आते-आते जायेगी ये तुम्हारी आदत, जाते-जाते जायेगी
नज़्मों का घर
याद का क्या है, आते-आते जायेगी ये तुम्हारी आदत, जाते-जाते जायेगी
मोहब्बत में जब कोई बदल जाता है उसका सच भी झूठ में बदल जाता है … Read more
ख़ुशियाँ आके फुसफुसाती है कानों में ज़िन्दा कैसे रहूँ मैं ज़िन्दगी के तूफानों में
तुम पूछ रही थी न कि तुम्हारे घर में वाशिंग मशीन है फिर भी खिड़की … Read more
तुम अपना वजूद छोड़ गएबिस्तर की सिलवटों के बीचऔर मेरे होंठों के किनारों पररातों पे … Read more