ग़लती

मैं… मैं ग़लतियों का पुलिंदा हूँ और ख़ुदकी की ग़लती किसे दिखती है अक्सर नहीं … Read more

Perplexity

वो आये भी और चले भी गयेराहत की इक साँस की तरहऔर मैं इस सोच … Read more

टूटती हुई चीज़ें

इस दुनिया से भी बड़े-बड़े वादों को टूटते देखा है मैंनेवो जब टूटते हैं तो … Read more