यथार्थ

इश्क़ में यूँ भी कभी होता है जब इश्क़ इश्क़ जैसा नहीं लगता जब चाँद … Read more

शे’र

तुम्हें क्या पता कि मुझे क्या-क्या नहीं लगता तुम्हें इश्क़ करना अब इश्क़ जैसा नहीं … Read more

मज़े के लिए

हुस्न वालों से यूँ ही नहीं टूटता कोई दिलधोख़ा देने में कुछ तो मज़ा आता … Read more

दो धारी प्यार

दिन में सूरज रात में चाँद से बात करती है ज़मीं,कौन माशूक़* उसका और कौन … Read more