Intensity

इस मर्तबा दिल ही नहीं भरोसा भी टूटा है इस मर्तबा दर्द भी ज़्यादा है … Read more

बेचारी

ख़ुशियाँ आके फुसफुसाती है कानों में ज़िन्दा कैसे रहूँ मैं ज़िन्दगी के तूफानों में