लौटा दो सब कुछ !
लगभग सबकुछ लौटा चुके हो तुम,पर थोड़ा-थोड़ा कुछ बाकी है,वो थोड़ा बहुत कुछ है मेरे … Read more
चाँद और तुम
आज शाम टीवी पर देखा कि पूरनमासी का चाँद,पिछली कई पूरनमासी की रातों के मुकाबले,काफी … Read more
नज़्मों का घर
लगभग सबकुछ लौटा चुके हो तुम,पर थोड़ा-थोड़ा कुछ बाकी है,वो थोड़ा बहुत कुछ है मेरे … Read more
आज शाम टीवी पर देखा कि पूरनमासी का चाँद,पिछली कई पूरनमासी की रातों के मुकाबले,काफी … Read more