मेरी ख़ामोशी
जिसके पास कहने को बहुत होता है,वो अक्सर किसी कोने में चुप सा,छुपा सा बैठा होता … Read more
नज़्मों का घर
जिसके पास कहने को बहुत होता है,वो अक्सर किसी कोने में चुप सा,छुपा सा बैठा होता … Read more
इस 01:01 की तरहकिसी के साथ होकरतू भी अकेला सा ही हैमेरी तरह
सुनोकुछ वक़्तमेरे लिए भी ख़रीद लोबाद में थोड़ा-थोड़ा करकेचुका दूँगावक़्त भीऔर कीमत भी
तुम्हारी घड़ी तो बहुत महँगी हैफिर भी तुम्हारे पास मेरे लिएवक़्त नहीं है!