नज़्मालय
नज़्मों का घर
मैं तुम पर आता हूँ तो रुक जाता हूँ उतना ही जितना पहली दफ़ा रुका … Read more
तुम्हारी घड़ी तो बहुत महँगी हैफिर भी तुम्हारे पास मेरे लिएवक़्त नहीं है!