रम से हम तक

रम को हम से अच्छा कोई नहीं जानता, हमको हमसे अच्छा कोई नहीं जानता।

अवशेष

इश्क़ के इतने किस्सों में भी हम पीछे ही रह गए इश्क़ आया हिस्सों में … Read more

विरोध के स्वर

आप अराजकता की बात करते हैं,मैं सुधार की कोशिश करता हूँ,आप शायद डरते हैं सरकार … Read more

मिलना

सिर्फ़ आमने-सामने बैठने कोऔर बैठकर बात करने कोमिलना नहीं कहतेमिलने के लिए बहुत ज़रूरी हैआत्मसमर्पण … Read more

शीर्षक अंत में है

धूप के भी क्या तेवर हैंकभी बहुत तीखेकभी नरमतो कभी कुनकुनेकभी-कभी तो लगता हैकि ये … Read more

श्रुति

रोशनदान से,छनकर आता हुआ,धूप का एक कतरा,फर्श पर पड़े-पड़े,तुम्हारे नाम के शुरूआती लफ़्ज़ की,शक्ल लेता … Read more

सफ़र

मैं रात भर उसे तकता रहा,वो पूरी रात बेफ़िक्री से सोती रही,इस तरह एक खूबसूरत … Read more